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29 May 2008

याहू के चैट रूम्स और ब्लॉग जगत

याहू के चैट रूम्स और ब्लॉग जगत

याहू चैट रूम्स और ब्लॉग जगत में क्या समानता हो सकती है। समानता उत्कृष्टता की तो नही है लेकिन हां निकृष्टता की जरुर है। याहू चैट रूम्स में देखें तो वहां भी मेन चैट रूम्स में सिरियस या सही बातें करने वाले कम होते हैं और गालियां देने वाले ज्यादा। गालियां देने वाले ब्लॉग जगत में भी बहुतेरे हैं। कोई बात नही जहां इंसान होगा वहां इंसानी फितरत तो रहेगी ही,जरा भी असंतुष्ट हुए नही कि लगे भड़क कर गालियां देने लेकिन ऐसे लोगो को क्या कहा जाए जो सिर्फ़ गालियां देने को ही बात समझते हैं। ब्लॉग जगत पर तो ऐसे लोग कम है लेकिन याहू चैट रूम्स में तो……




सवाल यह है कि क्यों इतने फ़्रस्ट्रेशन में दिखते हैं लोग इंटरनेट पर,चाहे चैट रूम्स हो या फ़िर ब्लॉग जगत। चलिए यह माना कि याहू पर कम उम्र के ज्यादा है जबकि ब्लॉग जगत पर परिपक्व कहे जाने वाले ज्यादा लेकिन फ़िर क्यों यह परिपक्वता गालियों से ही या अभद्र भाषा से ही झलकती है।

एक और बात,जो याहू चैट रूम्स और ब्लॉग जगत मे एक ही है वो यह कि "क्लोन आई डी" बनाकर उटपटांग बातें करना या गालियां देना। अर्थात मान लीजिए मेरी याहू की चैट आई डी, hello_india है तो कोई बंदा helllo_india या फ़िर helo_india या फ़िर ऐसी ही कोई और अन्य मिलती जुलती आई डी बना कर आ जाएगा और सबको अश्लील से अश्लीलतम गालियां देना शुरु कर देगा और सबके परिजनों से अपना अंतरंग नाता स्थापित करने लगेगा। यही हाल ब्लॉग जगत पर भी कई बार देखा गया है कि किसी ने और किसी के नाम से कोई उटपटांग कमेंट कर दिया है। इसके अलावा और एक बात यह कि ऐसी ही क्लोन आई डी वाले बंदे ओरिजिनल आई डी वाले का मोबाईल नंबर यदि उनके पास हो तो याहू चैट रूम्स में स्प्रेड कर देते हैं, ऐसी ही एक घटना ब्लॉग जगत पर भी हो ही चुकी है।

क्यों,क्यों ऐसा फ़्रस्ट्रेशन भरा पड़ा है लोगों में।


इसके अलावा याहू चैट रूम्स में जाएं तो एक से एक विकृत मानसिकता के लोग भी दिखते हैं, कोई पति अपनी पत्नी के बारे में अश्लील चैट करने का आमंत्रण देता दिखता है तो कोई अपने परिजनों के बारे में।
और सबसे ज्यादा अगर दिखते है तों M2M वाले अर्थात समलैंगिकता का आमंत्रण देते लड़के। और हां ऐसा क्यों है पता नही पर बड़े-बड़े अक्षरों मे मेन चैट रूम में समलैंगिकता का आमंत्रण देने वाले ये बंदे अधिकतर अपने को हैदराबाद का बताते है। यह देखकर दिमाग में सवाल उठता है कि क्या हैदराबाद मे नेट पर आने वाली नई पीढ़ी में ज्यादातर M2M ही हैं?

खैर यह बात सिर्फ़ एक मजाक के अंदाज़ में है क्योंकि ऐसा नही है कि अन्य शहरों से ऐसा आमंत्रण देने वाले नही दिखते।

इसके साथ ही चैट रूम्स में बहुधा ऐसे लड़के भी दिख जाते हैं जो अपने को जिगोलो बता कर अपना प्रचार करते होते हैं। जिगोलो मतलब पुरुष वेश्या। ध्यान देने लायक बात यह होती है कि ऐसे लोग ज्यादातर 18-25 साल वाले ही होते हैं। प्रचार भी ऐसा कि पूछिए मत,100 % सैटिस्फैक्शन गारंटी।

यह तो खैर एक पक्ष है पर ऐसा नही है कि चैट पर सिर्फ़ और सिर्फ़ ऐसे ही लोग मिलते हैं। बहुत से अच्छे लोग भी मिलते हैं जिनसे आप दुनिया जहान की बाते कर सकते हैं जैसे कि आसपास से लेकर समाज-राजनीति और साहित्य तक। और यही बात ब्लॉग जगत पर भी लागू होती है। लेकिन बात यह है कि चाहे याहू का चैट रूम हो या हो ब्लॉग-जगत,ऐसे फ़्रस्ट्रेशन वालों के कारण मजा किरकिरा हो जाता है।



इस से मिलते जुलते विषय पर पहले भी एक पोस्ट आवारा बंजारा लिख चुका है उसे यहां देखें।

23 टिप्पणी:

बालकिशन said...

अच्छा विषय चुनकर लायें हो गुरु इस बार भी.
वैसे अपन को चैटिंग का बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है पर जितना है उस आधार पर लगता है आपकी बातें एकदम सही है.
और तस्वीरें भी गजब की हैं.
ये भी सही है की ब्लॉग जगत के हालत भी कुछ-कुछ ऐसे ही हैं.

Rajesh Roshan said...

सही कह रहे हैं आप

रंजू भाटिया said...

सही कह रहे हैं आप संजीत जी हर चीज की अच्छी है तो बुरी भी है

Shiv said...

बहुत सही है...सवाल हैं. जवाब पता नहीं मिलेंगे या नहीं...लेकिन सब के मूल में में वही बात है, इंसान की 'इंसानियत'.

Gyan Dutt Pandey said...

चैट रूम में भी हलकान विद्रोही पाये जाते हैं - यह हमें अन्देशा था, पर आपकी पोस्ट ने उस अन्दाज को पुख्ता कर दिया! :)

डॉ .अनुराग said...

vakai bade bade halkaan pade hai...

Yunus Khan said...

मुझे लगता है कि एनोनिमस रहकर अपने मन की कुंठाए निकालने का मौक़ा है चैटिंग । और बहुधा इसका यही उपयोग किया जाता है । :)

Anita kumar said...

गालियां देने वाले और अपने मन की कुंठा दिखाने वाले तो आस पास के गली मौह्ल्लों में भी मिल जाते हैं फ़िर नेट पर तो असली पहचान दिखाई देने का डर भी नहीं होता और ये डर भी नहीं होता कि जिन्हे गालियां दी जा रही है उनसे दोबारा पाला पढ़ेगा।
जरुरत है तो जल्दी ही पहचानने की कि जिस बंदे से बात की जा रही है उसके इरादे क्या हैं?

Udan Tashtari said...

चैट रुमों का सही खुलासा. जीवन के फ्रस्टेशन निकालने की जगह बन गई है यह वर्च्यूल दुनिया.
सही विषय है, चिन्तन मांगता है.

Ghost Buster said...

चैटिंग का शौक कभी नहीं लगा हमें पर औरों को उलझे देखा है. अक्सर कम उम्र के बच्चे बच्चियां ज्यादा दिखते हैं इसमें. या फिर सोशल फ्लर्टिंग साइट्स (ऑरकुट वगैरह) पर भी युवा पीड़ी काफ़ी चिरकुटई करती है.

Neeraj Rohilla said...

आपका चित्र गलत है, दूसरे कम्प्यूटर भी कोई लडका ही बैठा होता है :-)

36solutions said...

सहीं कह रहे हैं यही हाल छत्तीसगढ के चैट रूम का भी है । विगत दिनों मैं इस रूम में गया तो एक लडकी के नाम आई डी वाला/वाली मेरे फोटो को लेकर मुझसे सवाल करने लगी कि अंकल आप क्या कर रहे हैं इस रूम में, मेरे छत्तीसगढी में जवाब देने पर मुझे भद्दी गालियां देने लगी जो लगातार जारी रही, अंत में मुझे उस रूम से बाहर होना पडा ।

Anonymous said...

khair ab hindi mein to nahi likh sakta ... waise sanjeet bhai aapka observation ekdum sahi hai magar iska dosh yahoo chat ko bilkul nahi jaata.. its just a platform ..gigolos ko yahoo or orkut s e hi grahak bhi milte hain ... aur m2m s ko partners .. aur dekha jaye to in subjects pe baat karne ke liye yahoo ne alag rooms bhi banaye hain .. magar fir bhi log aate hain kyun ki kai log jo yahoo ki services ya features se wakif nahi hain in logo ke shikar ban jaate hain ... agar in logo ko wo cheezein yahan na mile to ye aana chhod denge... aur uska ek hi tareeqa hai .. inki ids ko ignore karein ... aur yahoo dwara diye gaye features ki sahayta se.. inhein abuse ya spam report karte rahein ... chatroom mein aayein to ignor ekar dein .. yadi kisi ko ek room ke 10-15 bande ignore kar dein to mujhe nahi lagta ki ye log jyada nuksaan pahucha payenge ... mujeh pata nahi jo likha wo kisi ko samajh mein aayega ya nahi magar .. yahoochatrooms ko wapa spurane jaise clean aur friendly mahaul mein le jaana hamre apne haath mein hai...

अनूप शुक्ल said...

बढ़िया लेख लिखा है।

आशीष कुमार 'अंशु' said...

सही कह रहे हैं

अजित वडनेरकर said...

बढ़िया लिखा है। यह तो इन्सानी फितरत है। सार्वजनिक प्रसाधनगृहों में चाहे रेलवे हों या रोडवेज, सिनेमाघर हों या माल हर जगह क्या मिलता है ? यही कुंठा प्रदर्शन। कई बार इसे निम्न तबके की हरकत माना जाता है मगर इस मुगालते में न रहे कोई। रेलवे के एसी कोच में भी इसके दर्शन हो सकते हैं। क्या ये स्थान चैट रूम हैं ?
जाहिर है चैट करनेवाले लोग ज्यादातर तो पढ़े-लिखे , खाए-अघाए,तथाकथित सभ्य शहरी तबके से ही है। रोज़ी रोटी की चिंता में घुलते लोगों को कहां फुर्सत घंटों चैट करने की ?

Akumar said...

well said...keep it up.......

anuradha srivastav said...

मानसिकता की बात है। वैसे चैट रुम का अनुभव नहीं है और अब तो आपने डरा ही दिया।

Neelima G said...

आप के इस मत से मैं बिलकुल सहमत हूँ...ऑरकुट में भी लोग ऐसा उल्टा सीधा काम करते रहते है... Everyone seems to be misusing the social networking sites.

Neelima

चैट said...

Thank you for being a loyal to this blog and making very serious business.

All the best.

चैट said...

चैट करें - the best chat site.

raju said...

good
comment on 9589903530

raju said...

अच्छा विषय चुनकर लायें हो गुरु इस बार भी.
वैसे अपन को चैटिंग का बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है

comment on 9589903530

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आपकी राय बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अत: टिप्पणी कर अपनी राय से अवगत कराते रहें।
शुक्रिया ।