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08 April 2011

हम खुद क्यों नहीं होते शामिल?


अन्ना हजारे के समर्थन में अपने अपने शहरों में हो रहे धरना प्रदर्शन में हम खुद क्यों नहीं होते शामिल?
भले ही आधे घंटे- एक घंटे के लिए शामिल हों लेकिन हों तो सहीं।
समर्थन इस अभियान-अनशन को……
सलाम अन्ना हजारे को....

8 टिप्पणी:

प्रवीण पाण्डेय said...

प्रयासों को प्रणाम।

Rahul Singh said...

स्‍वागतेय ताजी वैचारिक बयार. (आंधी, तूफान, सुनामी क्‍यों नहीं कह रहा, ऐतराज न हो.)

Anita kumar said...

Raipur mein kya kya kiyaa gayaa

Anonymous said...

Hum Appke Saath Hai...

drsatyajitsahu.blogspot.in said...

समर्थन इस अभियान-अनशन को

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

सही सवाल।

कथनी और करनी का अंतर।

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टेक्निकल एडवाइस चाहिए...
क्‍यों लग रही है यह रहस्‍यम आग...

बसंत मिश्रा said...

अदभुत ब्लाग संजीत जी

झुनमुन गुप्ता said...

दूसरों से अपेक्षा करना, खुद कुछ न करना हमारी आदतों मे शामिल हो चुका है।

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